मेरा धन ऐसा विचार करो कि यह धन अनेकों पेटियों से होकर मेरे पास आया है। यह धन जब जिसके पास था वह भी सोचता था कि यह धन मेरा है, मैं इस धन का स्वामी हूँ किंतु किसी न किसी बहाने से यह धन उसको ठुकराकर हमारे पास आया है। Consider that this wealth has come to me through many boxes. When the person had...
कोरे नारों से कुछ नहीं होता यदि हम एक दूसरे की ओर देखते रहेंगे, तो पाखण्ड का बोलबाला रहेगा। भले ही हम कोठरी में बैठकर महर्षि दयानन्द की जय बोलते रहें। उत्सवों में नारों की भरमार होती है। परन्तु क्या रचनात्मक कदम भी कोई उठाता है! जनता बराबर ठगी जा रही है और आर्यजन केवल नारों से ही अपने आपको कृतकृत्य मान लेते...